हैकरों ने mobile users की निजी जानकारी में लगाई सेंध! cyber security company ने इतने करोड़ लोगों के data leak होने का किया दावा

2024 का साल शुरू होते ही एक बड़ी data leak की खबर सामने आई है। साइबर सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक ने दावा किया है कि 75 करोड़ भारतीय मोबाइल यूजर्स की निजी जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है। इस डेटा लीक में यूजर्स के नाम, पते, फोन नंबर, आधार नंबर और बैंकिंग जानकारी शामिल हैं।

data leak

यह data leak भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के सिस्टम में सेंध लगाकर किया गया है। क्लाउडसेक के शोधकर्ताओं ने पाया कि हैकर्स ने 1.8 टेराबाइट डेटा चुराया है, जिसमें 75 करोड़ यूजर्स की जानकारी शामिल है।

यह data leak भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। data leak होने से यूजर्स की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल हो सकता है। हैकर्स इस जानकारी का उपयोग धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और अन्य साइबर अपराधों के लिए कर सकते हैं।

क्लाउडसेक ने क्या कहा?

साइबर सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक का दावा है कि उसके शोधकर्ताओं ने पाया कि हैकर्स 1.8 टेराबाइट या 75 करोड़ भारतीय मोबाइल यूजर्स से जुड़ी जानकारी बेच रहे हैं। क्लाउडसेक ने कहा कि हैकर ने कानूनी रूप से अज्ञात स्त्रोत से आंकड़े प्राप्त करने का दावा किया है और किसी भी उल्लंघन में शामिल होने से इनकार किया है।

दूरसंचार कंपनियों ने क्या कहा?

दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों से अपनी प्रणाली की सुरक्षा आडिट कराने को कहा है, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया।यद्यपि, अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने विभाग को अनौपचारिक रूप से बताया है कि क्लाउडसेक रिपोर्ट में दावा किया गया कि जानकारी लीक की गई है, वह दूरसंचार ग्राहकों के पुराने आंकड़ों का संकलन है। यह उनकी तंत्रिका में किसी भी गड़बड़ी या कमजोरी से नहीं हुआ है।

हैकरों ने की 2.5 लाख रुपये की मांग

23 जनवरी को मामला हुआ, एक साइबर सुरक्षा कंपनी, जो सरकारी साइबर सुरक्षा इकाई इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम (CERT-in) से जुड़ी है, ने बताया। क्लाउडसेक ने उल्लंघन से प्रभावित होने वाले अधिकारियों और संगठनों को सूचित किया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि डार्कवेब पर भारतीय डाटा बेचने का दावा करने वाले हैकर का दावा है कि डाटा 600 जीबी में उपलब्ध हो सकता है। पूरे डाटा सेट के लिए हैकर ने लगभग 2.5 लाख रुपये या 3,000 डॉलर की मांग की है।

डेटा लीक कैसे हुआ?

क्लाउडसेक का दावा है कि टेलीकॉम कंपनियों के सिस्टम में हैकर्स ने चोरी की है। सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर, हैकर्स ने डेटा हासिल किया।

डेटा लीक में क्या जानकारी शामिल है?

data leak में यूजर्स की निम्नलिखित जानकारी शामिल है:

  • नाम
  • पता
  • फोन नंबर
  • आधार नंबर
  • बैंकिंग जानकारी

डेटा लीक का प्रभाव

data leak यूजर्स पर कई तरह से प्रभावित कर सकता है। धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और अन्य साइबर अपराधों में हैकर्स इस जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

डेटा लीक से बचने के लिए क्या करें?

data leak से बचने के लिए यूजर्स को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें
  • अपने पर्सनल डेटा को किसी के साथ शेयर न करें
  • सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सावधान रहें
  • अपने डिवाइस को अपडेट रखें
  • एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें

सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने data leak की घटना को गम्भीरता से देखा है। सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने और डेटा लीक की जांच करने के लिए कहा है।

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मेरे डेटा को सुरक्षित रखने के कुछ अन्य तरीके क्या हैं?(FAQs)

यहां कुछ अतिरिक्त रणनीतियां और अभ्यास बताए गए हैं जो आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं:

  1. अपनी जानकारी एन्क्रिप्ट करें: डेटा एन्क्रिप्शन एक प्रभावी उपकरण है जो आपको अनधिकृत उपयोग से बचाने में मदद कर सकता है। इसे ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि आधुनिक उपकरणों से किसी भी व्यक्ति को अपना डेटा एन्क्रिप्ट करने की क्षमता मिलती है।
  2. अपनी जानकारी को बैकअप करें: डेटा बैकअप करना डेटा संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण टिप्स में से एक है, जो अक्सर अनदेखा किया जाता है। यह सुनिश्चित कर सकता है कि आप महत्वपूर्ण फाइलों को साइबरअटैक या अन्य आपदाओं में नहीं खो देंगे।
  3. पुराने हार्ड ड्राइव पर डेटा को हटाएं: पुराने कंप्यूटर या हार्ड ड्राइव से पहले सभी डेटा हटा देना महत्वपूर्ण है। यह संवेदनशील डेटा गलत हाथों में जाने से बचाने में मदद कर सकता है।
  4. एक वीपीएन का उपयोग करें: आपके डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें, जो एक एन्क्रिप्टेड टनल का उपयोग करके हैकरों और स्नूपर्स से बचाता है।

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